What is marketing ? मार्केटिंग क्या है ?
“Marketing is about satisfying consumer needs and wants through an exchange” -Philip Kotler.
“ग्राहक की ज़रूरतों को विनिमय के द्वारा पूरा करने को मार्केटिंग कहते है.” – फिलिप कोटलर
“ग्राहक की ज़रूरतों को विनिमय के द्वारा पूरा करने को मार्केटिंग कहते है.” – फिलिप कोटलर
“ Marketing is not the art of finding clever ways to dispose of what you make. It is the art of creating genuine customer value.” – Philip Kotler.
“किसी भी बनाए गए उत्पादों को ग्राहकों को चिपकाना, यह मार्केटिंग नहीं है,बल्कि ग्राहकों को वास्तविक मूल्य देना इसे मार्केटिंग कहते है.” - फिलिप कोटलर
“किसी भी बनाए गए उत्पादों को ग्राहकों को चिपकाना, यह मार्केटिंग नहीं है,बल्कि ग्राहकों को वास्तविक मूल्य देना इसे मार्केटिंग कहते है.” - फिलिप कोटलर
Introduction :-
Generally, हमें लगता है की Marketing का मतलब Advertising या Promotion होता है, लेकिन असल में Advertising और Promotion, Marketing के प्रकार है | Marketing का मतलब बहुत गहरा है | इसकी की आवश्यकता सभी कंपनियों को अपने product या सर्विस, ग्राहक तक पहुंचाने के लिए, और ग्राहक को संतुष्टि प्राप्त कराने के लिए ली जाती है | Customer satisfaction, कंपनी को अपने लक्ष्य को पूरे करने में मदद करता है, जो कि Marketing से पूरा किया जा सकता है |
ग्राहक बाजार के राजा होते हैं | ग्राहकों के लिए आवश्यकता एवं जरूरियातो को पूरा करने में marketing की सहायता ली जाती है | ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को संतुष्टि प्राप्त कराने की कोशिश Marketing में की जाती है |
ग्राहक बाजार के राजा होते हैं | ग्राहकों के लिए आवश्यकता एवं जरूरियातो को पूरा करने में marketing की सहायता ली जाती है | ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को संतुष्टि प्राप्त कराने की कोशिश Marketing में की जाती है |
Meaning :-
Marketing में मुख्य रूप से तीन बातों का समावेश होता है और वह है Awareness, Attraction, Satisfaction.
- सबसे पहले ग्राहकों को कंपनी के product या सर्विस के बारे में कैसे जानकारी देने का काम किया जाता है. जो कि हम विविध माध्यमों में देख सकते हैं |
जैसे की launch programme, advertising, promotion medias. - ग्राहकों को product या सर्विस की जानकारी मिल जाने के बाद, ग्राहक product सर्विस को नज़दीक से जानने की चाह रखते हैं |
- कंपनी अपने product या सर्विस के विविध features ग्राहक के बीच में रख देती है, जिससे कि ग्राहक को product या सर्विस के बारे में पता चल सके और इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं वह भी बताया जाता है |
- एक बार ग्राहक के मन में अपने product व सर्विस की जगह बना लेने के बाद काम करने की बारी कंपनी की आती है |
- कंपनी अब ग्राहक को कैसे संतुष्टि दे सके इस पर काम करती है |
जैसे कि after sale service, discounts, quick delivery, qualitative products, best price.
4 P’s of marketing क्या है :-
नीचे दिए गए चार Marketing के pillars है. जिसकी मदद से हम Marketing का पूरा मतलब समझ सकते हैं :
- Product
- Price
- Place
- Promotion
- PRODUCT :-Product चीजों का मिश्रण है. जो कि ग्राहक की आवश्यकताओं के अनुसार बनाया जाता है | जिससे कि कंपनी अधिक से अधिक मात्रा में profit कर सके |
ग्राहकों की इच्छाओं और जरूरतों के अनुसार Product तैयार किया जाता है | जिसमें नीचे दिए गए मुद्दों का समावेश होता है :-- Product line: related product का ग्रुप
- Product width: Product line की संख्या
- Product depth: Variety of Products
- Product length: कुल item की संख्या Product line में
- PRICE :-एक बार प्रोडक्ट बन जाने के बाद उसकी price के बारे में सोचा जाता है जो price प्रोडक्ट की sell पर असर करती है | price का निर्धारण profit margin, supply, demand, marketing strategy पर impact करता है। अगर आपकी प्रोडक्ट अच्छी है, और मांग ज्यादा है, तो price बढा सकते है। किसी भी प्रोडक्ट की price को market रीसर्च करके decide किया जाता है। product पर discount दिया जाता है, जिससे ग्राहक लालच में आकर उसे खरीद लेता है।
product की price decide करने के लिए कुछ pricing marketing strategy होती है । जिसमे से कुछ हमने नीचे बताई है :- Cost-Plus Pricing
यह method में प्रोडक्ट के सारे costs जोड दिए जाते हैं और सारे खर्चे जोड़ देने के बाद profit margin भी जोड़ा जाता है | इसे Cost-Plus Pricing कहा जाता है। - Demand Pricing
Demand supply पर यह pricing काम करती है। अगर डिमांड ज़्यादा है, तो price बढ़ा दी जाती है और demand काम हो तो price घटा दी जाती है। - Competitive Pricing
Industries में एक product के कई सारे manufacturer होते है। इस वजह से सब कमसे काम प्राइस रखते है। ऐसे माहौल में product की Competitive Price रखनी पडती है। - Markup Pricing
Retailers ज्यादातर इस pricing को रखते है | वह किसी whole seller से माल खरीद कर उस पर markup price लगाके उसे कुछ discount पर बेचते है। - Psychology of Pricing
यह लोगो की psychology पर जुडी हुई pricing है |
जैसे 499/- 599/- 139/- ऐसी pricing से लोगो को product थोडी सस्ती लगती है और वह उनपर आकर्षित हो जाते है।
Product चीजों का मिश्रण है, जो कि ग्राहक की आवश्यकताओं के अनुसार बनाया जाता है | जिससे कि कंपनी अधिक से अधिक मात्रा में profit कर सके |
ग्राहकों की इच्छाओं और जरूरतों के अनुसार Product तैयार किया जाता है | जिसमें नीचे दिए गए मुद्दों का समावेश होता है :-- Product line: related product का ग्रुप
- Product width: Product line की संख्या
- Product depth: Variety of Products
- Product length: कुल item की संख्या Product line में
- Cost-Plus Pricing
- PLACE :-किसी भी product को तैयार करने के बाद उसे ग्राहक तक पहुंचाने की प्रक्रिया को place कहते है । यह बहुत जरुरी है, की product की physical distribution होनी चाहिए |
Physical distribution का मतलब product को सही समय पर और सही जगह पर पहुंचना ।
Channels of distribution की मदद से physical distribution possible होती है, जोकि बहुत सारी है |
Marketer को product की transport और फिजिकल handling की सही system develop करनी होती है।Distribution channels मार्केटिंग में महत्त्व भूमिका प्रदान करती है :- Channels जगह, उपयोगिता, और समय निर्धारित करती है ।
- इससे manufacturer से goods के distribution का भार उठा लेती है और manufacturer अपने काम पर focus कर सकता है ।
- इससे मार्किट में नयी products को introduce करने में आसानी होती है ।
- Demand और supply को match करने में मदद मिलती है ।
Place mix में नीचे दी गयी चीजे involve होती है :- Distribution of channels
- Channel coverage
- Inventory
- Dealer relation
- Locations
- Transport
ग्राहकों की इच्छाओं और जरूरतों के अनुसार Product तैयार किया जाता है | जिसमें नीचे दिए गए मुद्दों का समावेश होता है :-- Product line: related product का ग्रुप
- Product width: Product line की संख्या
- Product depth: Variety of Products
- Product length: कुल item की संख्या Product line में
- PROMOTION :-
- Promotion mix में नीचे दी गयी चीजों का समावेश होता है :
- Personal selling
- Direct marketing
- Advertising
- Publicity
- Public relations
- Sales
- Marketing mix में प्रमोशन महत्व का role अदा करता है।
- Promotion mix में नीचे दी गयी चीजों का समावेश होता है :
नीचे promotion के importance समझाये गये हैं :-
- प्रमोशन products और services के लिए demand पैदा करती है |
- यह मार्किट में प्रोडक्ट को introduce कराने में मदद करती है.
- Advertising लोगो को product के बारे मे information देने में उन्हें educate करने के लिए काम आती है।
- Personal selling buyer के साथ पर्सनल ब्रांडिंग बनती है।
- Sales promotion activities जैसे की after sales service, warranties, आदि product की sale बढाती है |
- Public relation buyer, suppliers, dealers के साथ अच्छा रिश्ता बनाती है।
Types of marketing :-
Marketing के प्रकार नीचे बताये है :
- Traditional marketing
- Digital marketing
- Word of mouth
- Traditional marketing
Newspaper, templates, banners, TV (Television) आदि traditional मार्केटिंग के उदहारण है ।
इसमें direct selling, और physical advertising involve होती है | आज के समय में traditional marketing कम होती जा रही है | - Digital marketing
Online, internet के द्वारा मार्केटिंग की जाती है, उसे digital marketing कहते है | digital मार्केटिंग में एक सबसे बड़ा फायदा यह है, की आप अपने बजट के हिसाब से promotion कर सकते है | आप user के interest के मुताबिक audience को target कर सकते हो | आज के समय में बडे brands भी डिजिटल मार्कटिंग की तरफ जाने लगे हैं । - Word of mouth
ये मार्केटिंग depend करती है की आप आपने Customer के ऊपर क्या प्रभाव छोड़ते है. अगर आपने आपने customer को अच्छा product दे रहे है तो वो आपने दोस्तों और रिश्तेदारों को इसके बारे में बताएगे. ये ट्रेडिशनल मार्केटिंग में बहुत ज़रूरी होता है |
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